दक्षिण पश्चिमी चीन के क्वेईचओ प्रांत में म्याओ लोग रहते हैं। उन का वस्त्र बहुत दुर्लभ व सुन्दर है। म्याओ लोग के वस्त्र की शैली व किस्में अलग है। आम दिनों वे मामली वस्त्र पहनते हैं, तौ उत्सव मनाने में उन के वस्त्र सुसज्जित हैं। शादी समारोह में दुल्हन भी सुसज्जित हैं। म्याओ जाति की लडंकियों को भूषण बहुत पसंद है। उन के वस्त्रों पर जो कढ़ाई है, वह बहुत सूक्ष्म है। उस में ड्रगन, पक्षी, मछली, फुल शामिल हैं। कभी कभी जाति का इतिहास भी दर्शाया गया है। चित्र में जो कमरबंद है, उस पर तितलियां और ड्रगन कढ़े गए। साथही मयूर भी है। कमरबंद के निचे लघु तितलिया, लघु ड्रगन भी कढ़ा गया है। म्याओ जाति के कढ़ाई में यह परम्परागत चित्र है।
म्याओ लोग के कढ़ाई में यह चित्र भी पाया जाता है कि ड्रगन या गाय पर सवार आमदी। इस से म्याओ लोग की बहादुरी और हौसला दिखाई देती है। चित्र में ड्रगन पर सवार, ड्रगन का पालन और युगल ड्रगन भी पाया जाता है। ड्रगन म्याओ जाति का चिन्ह माना जाता है। चित्र में पोशाक के कफ पर जो कढ़ाई है, ड्रगन पर सवार आदमी के अतिरिक्त तितलियां, पक्षी, आमदी और मानव के सर वाला डमरगन का चित्र भी दिखाई देती है। चित्र के बीच में जो चित्र है, वह मयूर या मछली के रूप में आदमी है। तितलि का रूप तो बदल गया है। कढ़ाई का रंग काला, लाल, हरी व श्वेत सब मिलता है। इस से साहस, उत्साह माना जाता है।