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श्वे वी

चीनी वायलिन वाद्यकार श्वे वी का जन्म वर्ष 1963 में हुआ। उन के उस्ताद हैं थङ शङ माओ, चिन चोंग फिंग, छङ शिंग ची,थान शू जङ और चङ शी शङ आदि । कड़े प्रशिक्षण के कारण श्वे वी का बेहतरीन संगीत बुनियाद तैयार हुई है । उन्होंने क्रमशः वर्ष 1981 में चीन में आयोजित वायलिन प्रतियोगिता ,वर्ष 1982 में आयोजित कार्ल फ्लेश अंतरराष्ट्रीय वायलिन प्रतियोगिता में पुरस्कार हासिल किये ।

वर्ष 1983 में श्वे वी ने चीनी केंद्रीय संगीत कॉलेज में दाखिला पाया और संगीतकार लिन याओ ची से सीखने लगा । इस के दो साल बाद वे वायलिन के गहन अध्ययन के लिए ब्रिटेन गए। वर्ष 1986 में उन्होंने मस्को में चाइकोवस्की वायलिन प्रतियोगिता में रजत पदक हासिल किया और इस के दो हफ़्ते बाद श्वे वी लंदन वापस लौटकर कार्ल फ़्लेश अंतरराष्ट्रीय वायलिन प्रतियोगिता में भाग लिया, जिस में उन्होंने चिम्पियनशिप समेत सभी वायलिन के पुरस्कार बटोर किये । उसी साल उन्हें ब्रिटेन के युवा वाद्यकार का वार्षिक पुरस्कार भी मिला ।

वायलिन प्रतियोगिताओं में पुरस्कार हासिल करने के बाद श्वे वी विभिन्न जगतों के उच्च मुल्यांकन के पात्र बने । ब्रिटिश पत्रिका《क्रेमोफ़ोन》ने उन्हें वर्तमान में सब से श्रेष्ठ वायलिन वाद्यकारों में से एक करार कर दिया। श्वे वी अकसर ब्रिटेन की बड़ी बड़ी संगीत मंडली के साथ सहयोग कर युरोपीय संगीत मंच पर सक्रिय रहते हैं । ए.एस.वी आदि डिस्क कंपनी द्वारा जारी किए गए श्वे वी के एलबमों का उच्च मुल्यांकन किया गया ।《क्लासिकल सी.डी 》के एक टिप्पणीकार ने श्वे वी के चाईकोवस्की की कॉन्करट संगीत की प्रस्तुति को लेकर उन की प्रशंसा करते हुए कहा कि डिस्क टेप में हो और संगीत सभा में भी मै ने पहले कभी नहीं देखा था कि चाइकोवस्की के इस संगीत को बजाने में कोई श्वे वेइ से भी अच्छा हो ।

वर्ष 1989 से ही श्वे वी ब्रिटिश रॉयल संगीत कॉलेज के प्रोफ़ेसर नियुक्त हो गए हैं ।

[श्वे वी की वायलिन धुन]: 《होरा नृत्य धुन》

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