उत्तरी चीन के शानशी प्रांत में भी छाया नाट्य प्रचलित है। इस की शैली शेनशी से मिलती जुलती है। छाया पर चाकू से रेखाएं काटी गयी, और उन पर लाल, हरी, पीला जैसे रंग लगाया गया। खनिज रंग इतना मजबूद है कि कभी भी नहीं मिट गया।
दक्षिण शानशी के छाया नाट्य की छायाओं में मंगलसूचक का चित्रण दिखाई देती है। जैसा कि सुखा, समृद्धि और अमर, पांच बच्चे खिताब जीतना, संस्कृति देव, आठ देव, बहुबेटे अक्सर मिलता है। छायाओं के पोशाक पर परम्परागत रेखाएं दिखाई देती है।
चित्र में बनने ठनने में युवती दिखाई देती है। ये युगल छायाएं है। नाटक में जो युवती बनती ठनती है, आईना में उस की छाया भी साथ साथ खेलती दिखाई देती है। इस के पास मेजस कुर्सी, अलमारी जैसे सामान भी नजर आ रहे हैं। वे सब सूक्ष्म है।