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महाराजा थांग श्वेन चुंग ने एक दिन पहले रानी यांग कुए फए से पियोनी मंडप में एक दावत का इन्तेजाम करने को कहा ताकि दोनों एक साथ मदिरा के घूंटो के साथ फूलों की महकती खुश्बू का आन्नद उठा सके। रानी यांग कुए फए ने दूसरे दिन पियोनी मंडप में बड़ी अच्छी दावत का बन्दोबस्त किया और महाराजा के इन्तेजार में बैठी रही। दिन ढलने लगा , समय गुजरने लगा , रानी यांग कुए फए बैठी बैठी महाराजा के इन्तेजार में परेशान होने लगी, लेकिन महाराजा के आने की कोई खबर नहीं । अचानक खबर आयी कि महाराजा सिन च्यांग महल में अन्य एक रानी के साथ रात बिताने चले गए हैं। रानी यांग कुए फए का दिल टूट गया, उसका दिल इतना दुख में जा पड़ा कि उसे मरने की ख्वाईश होने लगी। रानी यांग कुए फए का दिल छोटा तो है और ईर्षा भी बहुत जबरदस्त। उसे महल में सबसे सुन्दर रानी, औरतों की खूबसूरत का मिसाल माना जाता था, आज उसके साथ यह इन्साफी बीती , वह कहां सहा सकती थी। उसका दिल तीव्र तूफान की तरह उमड़ रहा था, उसने मन की जलन को मिटाने के लिए अपने सौन्दर्य अश्लील बदन की लहकती बलों से वहां पधारे मंत्री व अंगरक्षकों के आगे मदिरा के एक एक प्याले से अपने को नशे में चूर कर दिया , और अपने नचीले बदन की महकती आदाओं से अपने यौन की ख्वाईश को दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। वह इतना थक गई और नशे में चूर हो गई कि उसे महल में उठा कर ले जाया गया।
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