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प्राचीन काल में पारिवारिक डाक्टर चओ हुंग ते के पास परिवार की गई एक मूल्यवान दवा च्यू ल्येन पाओ का फार्मूला था, जो हर किसी तरह की गंभीर रोगों का इलाज कर सकती थी। एक भंयकर बाढ़ में डाक्टर चओ हुंग ते ने अनाथ बच्चे ल्याओ चंग फिंग नाम के एक लड़के को मरते मरते बचा लिया और उसे अपना सतौला बेटा बना कर उसका पालन पोषण किया। खबर मिली कि महारानी गंभीर रूप से बीमार पड़ी है और कोई भी दवा उसपर असर नहीं कर पा रही है। डाक्टर चओ हुंग ते ने सगे बेटे चाओ न्येन और सौतेले बेटे ल्याओ चंग फिंग को अपनी परिवारिक दवा लेकर महारानी के इलाज के लिए भेजा। रास्ते में ल्याओ चंग फिंग ने एहसान के बदले चाओ हुंग ते के बेटे को पहाड़ से नीचे धकेल दिया और समझा कि वह मर गया है, उसने दवा छीनली और खुद महल में महारानी का इलाज करने चला गया। महारानी बच गई , उसे महल का एक अधिकारी का पद मिल गया। ल्याओ चुंग फिंग कीमती कपड़े पहने घर लौटा और डाक्टर चाओ हुंग ते को झूठी सूचना दी कि उनके बेटे चाओ न्येन का पैर फिसल जाने से वह पहाड़ के नीचे जा गिर कर मर गया है। यहां तक उसने डाक्टर चओ का मुह बन्द करने व उसके परिवार को हमेशा के लिए खतम करने के लिए उसके घर को आग लगा दी और डाक्टर चओ की बेटी , अपनी सतौली बहन वान छिंग को जबरन अपनी पत्नी बना कर उसकी इज्जत लूटने की कोशिश की, वान छिंग ने अपनी इज्जत बचाने के लिए नदी में डूब कर आत्महत्या कर ली।
डाक्टर चओ का पूरा घर बर्बाद हो गया, न बेटा रहा न ही बेटी , और तो और कर्ज के दबाव ने उसे जीने से मजबूर कर दिया, बेबस होकर उसने चाओ न्येन की पत्नी यानी अपनी बहू सू श्येन को दूसरी शादी करने की सलाह दी और सीमा रक्षा सेना के कमांडर शुंग ये मंग से उसकी शादी करवा डाली। शादी अभी हुई तो थी कि कमांडर शुंग ये मंग को युद्ध में जाने का आदेश मिला , उसने अपने छोटे बेटे शुंग हे अन को सू श्येन के हाथ दे दिया और युद्ध मोर्चे में चला गया।
आठ साल बाद , सू श्येन का अपना बेटा चओ श्याओ फिंग और अपने पति के पहले बेटे शुंग हे अन को पाल पोस कर बढ़ा किया। उसी साल डाक्टर चओ की बहू वान छिंग जिस ने नदी में डूब कर आत्महत्या की थी उसे एक मछुवारे ने बचा लिया, आज वह शहर में काम कर रही हैं। उधर डाक्टर चओ के सगे बेटे चाओ न्येन जिसे उसके सतौले बेटे ने पहाड़ के नीचे धकेल कर मार डालने की साजिश रची थी, वह भी मरने से बाल बाल बच गया और आज वह फए हू सान का राजा बन गया है। एक युद्ध के दौरान उसकी मुलाकात कमांडर शुंग ये मंग से हुई, दोनों इस तरह एक दूसरे के करीब आए कि दोनों अजीज दोस्त बन गए। युद्ध की विजय के बाद दोनों घर लौटे तो कमांडर शुंग की दूसरी पत्नी यानी उसकी अपनी पत्नी सू श्येन से अचानक भेंट हुई, किसे मालूम था कि आज यह समस्या आ बैठेगी कि दो मर्द एक औरत को अपना कहकर छीनने की कोशिश के लिए लड़ने को तैयार थे। आखिरकार सच्चाई सामने आयी, कमांडर शुंग को पूरी कहानी का पता चला , सौतेले बेटे ल्याओ चुंग फिंग की गददारी की असलियत का भी पता चल गया, उसे मौत की सजा दी गई और वान छिंग , डाक्टर चओ की बेटी व चाओ न्येन की बहन , जिस ने मजबूर होकर नदी में आत्महत्या की थी, ने कमांडर शुंग से शादी कर उसकी पत्नी बन गई और उधर चाओ न्येन का अपनी खोई हुई पत्नी सू श्येन के साथ फिर से मिलन हो गया। डाक्टर चओ का परिवार की खोई हुई खुशी फिर से लौट आयी।
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