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प्राचीन काल में तंग चओ जगह में एक अमीर घराने की एक इकलौटी बेटी थी जिस का नाम श्वे श्यांग लिंग था। शादी के दिन माता पिता ने देहेज के साथ एक सो लिंग नान नाम का खूबसूरत थैला भेट में दिया , जिस में किस्म किस्म के कीमती आभूषण रखे हुए थे। कहना है कि बेटी की शादी के समय सो निंग नांग देने से बेटी एक होशयारी व खूबसूरत बच्चे को जन्म दे सकती है।
श्यांग लिंग डोली में बैठी जब सुसराल जा रही थी तो रास्ते अचानक भारी वर्षा होने लगी, उसकी डोली एक मंडप में रूक गई। उसी समय एक और डोली वहां आयी , डोली में एक लड़की के रोने की आवाज ने श्यांग लिंग को ताज्जुब में डाल दिया। लड़की ने बताया कि उसका घराना बहुत गरीब है मां उसके बचपन में ही मर गई थी, पिता एक बूढ़े व बेसहारा बन गए हैं, उसे दुख हो रहा था कि गरीब घराने की वजह से उसके सुसराल वाले उस की हंसी उड़ा सकते हैं , शादी के बाद उसके पिता अकेले रह गए हैं और कोई उनका ख्याल नहीं कर सकेगा।
श्यांग लिंग ने यह दुखभरी कहानी सुनने के बाद कभी यह नहीं सोचा था कि दुनिया में इस लड़की की तरह इतना गरीब लोग भी हो सकते हैं। श्यांग लिंग ने तुरन्त अपनी डोली से मा दवारा दी गई सो नांग लिंग थैले को चाओ सओ चंन नाम की लड़की के हवाले कर दिया पर अपना नही बता पायी कि बाऱीश बन्द हो गई, और डोली अपने रास्ते में चल बैठी।
छै साल बाद तंग चओ में भारी बाढ़ आई, श्यांग लिंग अपने पति व बेटे बाढ़ में बिछड़ गई और भटकते भटकते एक अमीर घराने में आयी का काम करने लगी, इस घराने का एक पांच साल बेटा था जिस का नाम थ्येन लिंग था, वह श्यांग लिंग को बहुत पसंद करता था।
एक दिन थ्येन लिंग के साथ बगीचे में खेलने के समय श्याओ लिंग ने अचानक एक मंडप में एक लटकी थैली देखी, गौर से देखने के बाद उसने पहचान लिया कि यह थैली उसकी मा के दहेज में दी गई सो नांग लिंग थैली थी, थैली को देखते ही वह रो बैठी। थ्येन लिंग बालक ने देखा कि उसकी आयी रोने लगी तो जल्द अपनी मां को बुला लाया। यह वहीं औरत थी जिस को श्यांग लिंग ने एक बारिश के दिन दूसरी डोली की लड़की को दिया था। इसी थैली ने इस गरीब लड़की को एक गरीब घराने से अमीर की खुशहाली जीवन में ला डाला था। चाओ सओ चन ने एक ही नजर में श्यांग लिंग को पहचान लिया और दोनों के आंखो में आंसू बहने लगे। उसने जल्द श्याओ लिंग को अपने सबसे खूबसूरत कपड़े पहनाए और सबसे सम्मानीय मेहमान का दर्जा दिया, उसने श्याओ लिंग के पति और बेटे को ढूंढने में भी मदद की।
जल्द ही श्याओ लिंग और उसके पति व बेटे इसी शहर में पनाह लेने आए, श्याओ लिंग शीघ्र ही चाओ सओ चंग की मदद से अपने बिछडे पति व बेटे से फिर से मिलन हुआ । वह भी खुशी का जीवन शुरू करने लगे।
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