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ईसा पूर्व आठ से पांचवीं शताब्दी चीन का वसंत शरद काल था। उसमें एक चिन नाम का देश था, इस देश का एक सरकारी अधिकारी चाओ तुन एक वफादार अधिकारी था जब कि सेनापति कू आन च्या पल पल चाओ तुन को अपना शत्रु मानकर उसे मौत के घाट में उतारने में तुला हुआ था।
सेनापति कू आन च्या ने अपनी चाल से चाओ तुंग को फंसा दिया और राजा से उसे गददार करार कर उसे फांसी पर चढ़ाने का हुक्म जारी करने पर मजबूर कर दिया , राजा उसकी साजिश में बहक गया और चाओ तुंग के नौकरों व नौकरानियों समेत परिवारों के सभी सदस्यों को मौत की सजा सुना दी। केवल चाओ तुंग की बहू जो एक राजकुमारी थी उसे मौत नहीं दी गई पर उसे राज महल में नजरबन्द कर दिया। उस समय राजकुमारी गर्भवती थी, कुछ समय बाद उसने एक बेटे को जन्म दिया। सेनापति कू आन च्या तो इस मासूम बच्चे को भी कत्ल करने पर तुला था।
चाओ तुंग का एक अजीज दोस्त छंग इंग एक डाक्टर था। उसने राजकुमारी की बीमारी देखने के बहाने अपने दवाई बक्से में बच्चे को छुपा कर वहां से निकाल कर ले गया। सेनापति कू आन च्या को जब पता चला कि बच्चा गायब हो गया तो उसने तीन दिन के अन्दर इस अनाथ बच्चे को लौटाने, वरना चिन देश के सभी एक साल से छोटी उम्र वालें बच्चों को मार डालने का आदेश जारी किया।
डाक्टर छंग इंग का भी अपना एक बच्चा था, जो चाओ तुंग के इस अनाथ बच्चे की शकल से बहुत मिलता जुलता था। डाक्टर छंग इंग ने दिल में पत्थर रख कर अपने बच्चे को महल के अधिकारी सुन श्वी चिओ के हाथ दे दिया, फिर बाद में सेनापति के वहां जाकर झूठी सूचना दी कि यह बच्चा सुन श्वी चिओ के घर में छिपा के रखा हुआ है। सेनापित कू आन च्या ने फौरन सुन श्वी चिओ के घर जाकर बच्चे का कत्ल कर दिया। जबकि यह बच्चा असल में डाक्टर छंग इंग अपना बच्चा था।
सेनापित कू आन च्या को क्या मालूम था कि कि चाओ तुंग का अनाथ पोते को नहीं असल में छुंग इंग के बच्चे को मार दिया गया है , उसे यह सुनकर खुशी का ठिकाना न रहा कि चाओ तुंग की आखरी जड़ को भी उखाड़ दिया गया है । हालांकि उस का कोई बच्चा नहीं था, सो उसने महल के डाक्टर दवारा छिपाए चाओ तुंग के पोते को डाक्टर छिंग इंग का बच्चा मान कर उसका पालना पोषण शुरू किया और उसे कलाबाजी भी सिखाना शुरू कर दिया।
15 साल के बाद जब चिंग राष्ट्र के एक वफादार सेनापति वए च्यांग युद्ध की समाप्ति के बाद घर लौटा तो मालूम हुआ कि डाक्टर छंग इंग ही वो आदमी हो जिस ने उसके अजीज दोस्त चाओ तुंग के पोते का पता बता कर उसका कत्ल करवाया था, गुस्से में उसने डाक्टर छंग इंग की डट कर पिटाई की।
डाक्टर छंग इंग इस गम को सहता रहा, अपनी पिटाई पर उसे मालूम हो गया कि सेनापति वए च्यांग सचमुच एक वफादार सेनापति है, वह चाओ तुंग के पोते व उसके पूरे घराने की हत्या का बदला ले सकता है। आखिरकार उसने सेनापति वए च्यांग को पूरी असलियत बता दी। सेनापति वए च्यांग, डाक्टर छंग इंग के महान बलिदान पर अत्यन्त प्रभावित हुआ, उसने चाओ तुंग के पोते व उसके घराने की हत्या का बदला लेना का वायदा दिया। डाक्टर छंग इंग ने चाओ तुंग के पोते को भी असलियत बतायी और उसे उसका असली रूप बताया, वह भी सेनापति कू आन च्या से बदला लेना की पंक्ति में शामिल हो गया।
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