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चीन के मशहूर पर्यटन शहर

पेइचिंग

पेइचिंग चीन की राजधानी होने पर चीन का राजनीतिक व सांस्कृतिक केंद्र भी है । पेइचिंग उत्तरी चीन के मैदानी क्षेत्र के उत्तरी भाग में खड़ा है , भौगोलिक स्थान की दृष्टि से देखा जाये , वह इटली के रोम और स्पेन के मेद्रित शहर के साथ एक ही देशांतर डिग्री पर स्थित है । इसलिये सर्दियों और गर्मियों का मौसम अपेक्षाकृत लम्बा होता है , जबकि वसंत व शहद का मौसम काफी छोटा और सूखा होता है । उस का सालाना औसत तापमान शुन्य से ऊपर 11.8 डिग्री है ।

प्राचीन पेइचिंग का इतिहास लगभग कोई तीन हजार वर्ष पुराना है । वसंत शरद युध्दरत काल (ईसापूर्व 770—ईसापूर्व 221 ) में पेइचिंग क्षेत्र कई छोटे छोटे राज्यों की राजधीनी का रूप ले चुका था , फिर छिन , हान राजवंशों व तीन राज्य काल में पेइचिंग क्षेत्र उत्तरी चीन के महत्वपूर्ण कस्बों में एक माना जाता रहा । पेइचिंग ने समूचे चीन की राजधानी का रूपधारण लिया है चिन राजवंश से , फिर इस के बाद स्थापित युआन , मिंग और छिंग राजवंशों ने पेइचिंग को ही अपनी राजधानी बना दी है , इस दौरान कुल 34 राजाओं ने यहां पर आज्ञा देकर चीन पर शासन किया ।

नये चीन की स्थापना के बाद , खासकर चीन में रूपांतर व खुले द्वार नीति लागू होने के पिछले बीसेक वर्षों में पेइचिंग की सूरत में बड़ा परिवर्तन आया है । विभिन्न प्रकार वाले आधुनिक निर्माण कतारों में खड़े दिखाई देते है और राजनयिक सम्पर्क लगातार विस्तृत होता गया है । वर्तमान में पेइचिंग बड़े कदम के साथ अंतर्राष्ट्रीय आधुनिक शहरों की पंक्ति में प्रवेश कर रहा है । यही नहीं , यहां की प्राचीन ऐतिहासिक परम्पराएं और आधुनिक सौंदर्य के साथ मिलकर कोने कोने के पर्यटकों को आकर्षित करती हैं । इधर सालों में पेइचिंग ने हर वर्ष दसियों लाख विदेशी पर्यटकों और करोड़ों घरेलु पर्यटकों का सत्कार किया है ।

प्राचीन इतिहास ने पेइचिंग में बड़ी तादाद में सांस्कृतिक अवशेष और रंगारंग मानवीय दृश्य छोड़ रखे हैं ।

यदि आप को सांस्कृतिक अवशेष देखना पसंद है , तो आप सुप्रसिध्द शानदार लम्बी दीवार पर चढ़ सकते हैं , विशाल भव्यदार प्राचीन शाही प्रसाद का दौरा कर सकते हैं , यानी समर पेलेस , पेइहाई , शियांग शान पहाड़ और स्वर्ग मंदिर इत्यादि शाहीन पार्कों को देखने जा सकते हैं , वहां के प्राकृतिक सौंदर्य और शानदार भवन आप को वापस लौटने को भुला देते हैं । यदि आप चीन की प्राचीन संस्कृति व प्रसिध्द हस्तियों के बारे में जानना चाहते हैं , तो आप अनेक हस्तियों के पुराने निवास स्थान देखने जा सकते हैं तथा पेइचिंग औपेरा का आनन्द भी उठा ले सकते हैं । यदि आप चीन के राजनीतिक , आर्थिक , वैज्ञानिक व टेकनीकी और फौजी आदि क्षेत्रों की विकास स्थिति जानना चाहते हैं , तो आप सैकड़ों म्युजियम जा सकते हैं । जहां तक प्राकृतिक दृश्यों का ताल्लुक है , आप पेइचिंग के नजदीक उपनगर जाकर सुंदर पहाड़ व नद नदियां जी भर कर देख सकते हैं ।

वर्तमान पेइचिंग में स्वर्ग मंदिर , मिंग राजवंश के मकबरे , समर पेलेस , पेइचिंग समुद्र भवन , पातालिंग लम्बी दीवार , पेइहाई – चिंग शान पार्क , चीनी जातीय उद्यान , चीनी विज्ञान तकनीक भवन , पेइचिंग जानवर पार्क और पेइचिंग वनस्पति बागान ने 4 ए राष्ट्रीय रमणिक स्थल का दर्जा प्राप्त कर लिया है ।

शिआन

उतर पश्चिमी चीन स्थित शिआन शहर चीन के शेनशी प्रांत की राजधानी है और वह चीन के उत्तर पश्चिमी क्षेत्र तथा भीतरी स्थलीय प्रांतों का राजनीतिक , आर्थिक और यातायात केंद्र माना जाता रहा है ।

शिआन शहर चीन की छै बड़ी प्राचीन राजधानियों (शिआन , लोयांग , नानचिंग , खाएफुंग , हांगचओ , पेइचिंग ) में एक ऐसा सब से प्राचीन सुप्रसिध्द ऐतिहासिक व सांस्कृतिक शहर है , जिसे सब से पहले राजधानी का रूप दिया गया और सब से ज्यादा राजवंशों की राजधानी रह चुका था । वर्तमान इतिहास शास्त्र जगत की मान्यता के अनुसार चीन के इतिहास पर पश्चिम चओ , छिन , पश्चिम हान , पूर्व चाओ , पूर्व छिन , पिछला छिन , पश्चिम वेई , उत्तर चओ , स्वी व थांग समेत कुल दस राजवंशों ने शिआन को अपनी राजधानी बनायी । इसलिये प्राचीन शिआन ने चीन के इतिहास पर दूसरे किसी भी शहर से कहीं अधिक बड़ा दूरगामी महत्व डाल दिया है ।

विश्व में चार प्राचीन मशहूर शहरों में एक होने के नाते शिआन शहर प्रसिध्द पर्यटन स्थल भी है । विश्व का आठवां करिश्मा कहलाने वाली राजा छिन श ह्वांग के कब्रस्तान की खुदाई में प्राप्त सैनिकों व घोड़ों की मृदा मूर्तियां शिआन शहर के लिन थुंग क्षेत्र में ही हैं , खुदाई में प्राप्त कुल छै हजार से अधिक मूर्तियां बीसवीं शताब्दी का सब से महान आविष्कार मानी जाती हैं । इस के अतिरिक्त ता येन स्तूप , ह्वाछिंगछी और ह्वाशान आदि रमणीक स्थल भी उपलब्ध हैं । (चित्र में राजा छिन श ह्वांग के कब्रस्तान की खुदाई में प्राप्त सैनिकों व घोड़ों की मृदा मूर्तियां म्युजियम दिखाई देता है )

लाह्सा

लाह्सा शहर चीन के तिब्बत स्वायत प्रदेश की राजधानी है , उस का कुल क्षेत्रफल 29052 वर्गकिलोमीटर है , उत्तर शिमालाया पर्वत में मौजूदगी की वजह से साल भर में मौसम अधिकतर साफ रहता है , वर्षा कम होती है , सर्दियों में काफी सर्दी नहीं है और गर्मियों में बहुत गर्मी भी नहीं है । औसत सालाना तापमान शुन्य के ऊपर 7.4 डिग्री है , साल के जुलाई , अगस्त व सितम्बर में वर्षा ज्यादा होती है , सालाना औसत वर्षा मात्रा करीब 500 सेंटिमीटर है । साल में तीन हजार से अधिक घंटों में धूप उपलब्ध है , इसलिये वह "सूर्य किरण शहर "के नाम से जाना जाता है । लाह्सा शहर का पर्यावरण स्वच्छ है और मौसम सुहावना है , दिन में गर्म व रात में ठंड होने से गर्मी से बचने वाली सब से अच्छी जगह है ।

लाह्सा "विश्व छत "कहलाने वाले छिंग हाई तिब्बत पठार पर स्थित है , औसत समुद्र सतह से 3600 मीटर से ऊपर होने की वजह से नीची हवा दबाव से वहां के वातावरण में आक्सिजन की मात्रा भीतरी क्षेत्रों से लगभग 25 प्रतिशत -30 प्रतिशत की कमी है । इसलिये इस पठार पर आने वाले किसी भी व्यक्ति को शुरू में भिन्न हद तक सिर दर्द व सांस लेने में कठिन और अन्य शिकायत होती है । लाह्सा पहुंचने के पहले दिन आराम विश्राम करने के बाद शिकायतें कम या लुप्त हो सकती हैं ।साल के अप्रैल से अक्तूबर तक तिब्बत का सब से बेहतरिन पर्यटन मौसम है ।

तिब्बती भाषा में लाह्सा का मतलब देव देवताओं की रहने की जगह है । लाह्सा शहर का इतिहास पुराना है और वहां धार्मिक व सांस्कृतिक वातावरण से परिपूर्ण है । शहरी इलाके में बड़ा मठ , पाखो सड़क और पोताला महल और अन्य रमणीक स्थल देखने को मिलते हैं । (चित्र में लाह्सा के पोताला महल का फोटो)

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