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छिंग हाइ तिब्बत पठार की असाधारण प्राकृतिक विशेषताएं हैं ,जिस का विश्व के पठारी व पहाड़ी क्षेत्रों में अहम स्थान होता है ।उसे पृथ्वी का तीसरा ध्रुव माना जाता है ।
छिंग हाइ तिब्बत पठार को पृथ्वी का तीसरा ध्रुव कहलाने का मुख्य कारण समुद्र सतह से उस की ऊंचाई अधिक है और इस से जुड़ा सर्द मौसम है ।समुद्र सतह से छिंग हाइ तिब्बत पठार की औसत ऊंचाई चार हजार मीटर के ऊपर है । वह चारों ओर से विशाल पर्वत श्रृंखलाओं से घिरा हुआ है और पठार पर अनेकों ऊंचे ऊंचे पह़ाड़ खड़े हैं ।छिंग हाइ तिब्बत पठार के भीतरी भाग की औसत ऊंचाई समुद्रीय सतह से 4500 मीटर है ,जहां तापमान औसततः जीरो सेलसियस से नीचा है और सब से गर्म मौसम में भी औसत तापमान 10 सेलसियस से नीचा है ।
छिंग हाइ तिब्बत पठार विश्व का सब से देर में उदित पठार है ,जिस की उत्पति पृथ्वी के एक जबरदस्त व बडे पैमाने वाले भूगर्भीय परिवर्तन से जुड़ी है ।इस पठार पर बहुत ही 6000---8000 मीटर ऊंची पर्वत चीटियां उपलब्ध हैं ।छिंग हाइ तिब्बत पठार एशिया की अनेक बड़ी बड़ी नदियों का उद्गम स्थल भी है ।
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