चीन ने विदेशी पूंजी के प्रयोग में कई तरीके अपनाए हैं, वे तीन किस्म के हैः विदेशों से कर्ज लेना। इस में विदेशी सरकारों, अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय संगठनों तथा विदेशी वाणिज्य बैंकों से ऋण व निर्यात क्रेडिट लेना व विदेशों में सीक्यूरीटरी बांड डालना। विदेशी उद्योगों का सीधा निवेश , संयुक्त पूंजी या एकल पूंजी आदि पूंजी निवेश के तरीके, इस के अलावा विदेशों का अन्य निवेश, जैसाकि अन्तरराष्ट्रीय किराया लेना, व्यापार में पूरक , प्रोसेसिंग व असेम्बली तथा विदेशों में शेयर खरीदना वगैरह वगैरह।
2003 में चीन में कुल 41081 विदेशी कारोबारों की स्थपाना की अनुमति दी जा चुकी है , जिस की वार्षिक वृद्धि 20.2 प्रतिशत है और अनुबंध पूंजी एक खरब अमरीकी डालर व वास्तविक प्रयोग में डाली जाने वाली कुल रकम 50 अरब रही है।