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हर वर्ष वसंत के आगमन के साथ ही चीनी जनता परम्परागत छिंग मींग त्योहार का भी स्वागत करती है।
छिंग मींग चीनी पंचांग के अनुसार, 24 प्रमुख दिनों में से एक है, जो आम तौर पर अप्रैल के उत्तरार्द्ध में पड़ता है। छिंग मींग त्योहार पर, लोग अकसर उपनगर जाते हैं और पूर्वजों की पूजा करते हैं, या बाहर खेलते हैं।
चीन के कुछ स्थलों में छिंग मींग त्योहार को भूतों का त्योहार भी माना जाता है। छिंग मींग त्योहार को मनाने के लिए लोग पूर्वजों के मकबरों पर जाते हैं और पूजा करते हैं। चीन के सुंग राजवंश (ईसवी 960 से ईसवी 1279 तक) के दौरान की एक कविता में छिंग मींग त्योहार के अवसर पर पूजा करने की रीति रिवाज का वर्णन किया गया है।
कहा जाता है कि छिंग मींग त्योहार चीन के हेन राज्यवंश (ईसापूर्व 206 से इसवी 220 तक) से शुरु हुआ। चीन के मींग राज्यवंश (ईसवी 1368 से ईसवी 1911 तक) में, लोग न केवल पूर्वजों के मकबरे के सामने कागज़ के पैसे जलाते थे , बल्कि मकबरों पर खाने पीने के खाद्य पदार्थ भी चढ़ाते थे।
छिंग मींग त्योहार में पूर्वजों के मकबरे पर जाना एक महत्वपूर्ण रीति रिवाज बन गया था , और आज भी यह प्रचलित है। छिंग मींग त्योहार को मनाने के लिए अब लोग वीरों के मकबरों के सामने जाकर वीरों के सम्मान में फूल चढ़ाते हैं।
चूंकि छिंग मींग त्योहार अकसर वसंत में पड़ता है, इसलिए, इस त्योहार का दूसरा नाम छिन त्योहार भी है। लोग बाहर जाकर यात्रा करते हैं। कुछ लड़कियां खेत से कुछ ताजी सब्जियां लाकर चाओत्ज़ बनाती हैं।
चीन में छिंग मिंग त्योहार के अवसर पर पतंग उड़ाने और झूला झूलने का रीति रिवाज़ भी है।
लेकिन, इस त्योहार का नाम क्यों छिंग मिंग पड़ा है ? चुंकि उसी दिन से वसंत आरम्भ होता है, घास मैदान में हरी हरी घास नजर आने लगती है और मौसम बहुत सुहावना होने लगता है। शायद यही छिंग मिंग का अर्थ है। छिंग मिंग त्योहार के आसपास किसान भी व्यस्त होने लगते हैं। चीन में प्रचलित अनेक कहावतों में छिंग मिंग से संबंधित कहावतें भी हैं।
पुराने समय में छिंग मिंग त्योहार में पेड़ लगाना भी जरुरी समझा जाता था और यह रीति रिवाज़ आज तक प्रचलित है।
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