|
तुंग ज़ी चीनी पंचांग के अनुसार, 24 प्रमुख दिनों में से एक है, और वह चीनी लोगों का एक परम्परागत त्योहार भी है। 2700 से ज्यादा वर्षों से पहले के चीनी वसंत व शरत काल में ही तुंग ज़ी त्योहार शुरु हुआ था।
चीनी शब्द में ज़ी का मतलब ऊंची चोटी है। लेकिन, यह इस का मतलब नहीं है कि तुंग ज़ी के दिन का तापमान सब से कम होता है। उत्तरी गोलार्द्ध में रहने वाले लोगों के लिए तुंग ज़ी का दिन सब से छोटा होता है। तुंग ज़ी के बाद दिन धीरे धीरे लम्बा होने लगता है। पुराने समय में, तुंग ज़ी के अवसर पर सम्राट अपने सरकारी अधिकारियों के साथ पांच दिनों के लिए संगीत सुनते थे। इतना ही नहीं, आम नागरिकों के घरों में भी उस दिन वाद्य बजाया जाता था। तुंग जी के दिन, सम्राट ईश्वर की पूजा भी करते थे। विश्वविख्यात पेइचिंग का थ्येन थेई स्थल सम्राट द्वारा तुंग जी के दिन ईश्वर की पूजा करने का स्थल था।
पुराने समय में तुंग जी के दिन सर्दियों का स्वागत करने का रिवाज भी प्रचलित था। उसी दिन सुबह, लोग जल्दी से उठते थे और सुन्दर सुन्दर कपड़े पहन कर एक दूसरे को बधाई देते थे। चीनी लोग तुंग ज़ी के दिन से सर्दियों को कई नौ दिनों की इकाइयों में विभाजित करते हैं। तुंग ज़ी से शुरु कर के पहली नौ दिन की इकाई ई च्यो कहलाती हैं। इस के बाद अ च्यो, यानी दूसरे नौ दिन की इकाई, सेन च्यो आदि कहलाती है। कुल 81 दिनों के बाद सर्दी का मौसम खत्म होता है और वसंत आता है। चीन में एक कहावत प्रचलित है, जिस का प्रमुख अर्थ हैः पहले नौ दिनों की दो इकाइयों में, सर्दियों की वजह से लोग बाहर हाथ नहीं निकालना चाहते हैं। तीसरे और चौथे नौ दिनों की इकाईयों के दौरान, बाहर के कुत्ते भी सर्दी से मर जाते हैं। पांचवे और छठे नौ दिनों की इकाईयों में पेड़ों पर पत्ते आने लगते हैं। सातवें और आठवें नौ दिनों की इकाईयों में तो नदियों में पानी लहराने लगता है। जबकि नौवी नौ दिनों की इकाई में वसंत आ जाता है।
|