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छोंग यांग त्योहार
चीनी पंचांग के अनुसार, नौ सितम्बर को चीन का परम्परागत त्योहार छोंग यांग होता है। उस दिन, चाहे बड़े हों या व छोटे हों एक साथ पहाड़ों पर चढ़ते हैं , जू व्यू नामक दवाई की जड़ी-बूटी को पहाड़ों पर लगाते हैं और ह्वा काओ खाते हैं।

प्राचीन चीन में लोग अंक नौ को यांग अंक मानते थे, तो नौ सितम्बर के दो नौ अंक होते हैं यानी डबल नौ का दिवस है। छोंग यांग त्योहार के पीछे एक सुन्दर कहानी भी है।

कहा जाता है कि ईसा पूर्व तीसरी सदी में एक बहुत निपुण आदमी था, जिस का नाम फेई छांग फ़ांग था। वे न केवल प्रकृति पर कब्जा कर सकता था, बल्कि भूतों को भी पकड़ सकता था। यह जानकर हंग चींग नामक एक युवक फेई छांग फ़ांग का बड़ा सम्मान करता था और उसे अपना अध्यापक बनाना चाहता था। फेई छांग फ़ांग ने उसे अपना शिष्य बनाया और उसे सिखाया।

इस युवक के दृढ़ संकल्प के कारण ही फेई छांग फांग ने उसे अपना शिष्य बनाया और उसे सिखाया। एक दिन, फेई छांग फांग ने हंग चींग से कहा:" नौ सितम्बर को तुम्हारे घर में एक बड़ा संकट आयेगा, तुम्हें पहले से ही तैयारी करनी चाहिए। " हंग चींग यह बात सुनकर बहुत चिंतित हुआ। उस ने अपने अध्यापक से संकट से बचने के तरीकों के बारे में पूछा। फेई छांग फांग ने कहा:" नौ सितम्बर को तुम कुछ लाल रंग वाले बेग बनाओ , इस में जू व्यू नामक दवा की जड़ी-बूटी डालो और अपनी बांहों पर बांधो। तुम कुछ शराब लाकर अपने परिवारजनों के साथ एक पहाड़ पर जाकर शराब पीओ। इसी तरह, तुम विपत्ति से बच सकोगे।"हंग चींग ने अपने अध्यापक के कहे अनुसार ही किया।नौ सितम्बर की सुबह, हंग चींग अपने परिवारजनों के साथ आसपास के पहाड़ पर गया और शांतिपूर्ण रुप से यह दिन बिताया। रात को जब हंग चींग घर वापस लौटा, तो उस ने देखा कि घर के सभी मुर्गा मुर्गी और बकरे मर गये थे। वे लोग सचमुच एक विपत्ति से बचे। इस के बाद हर वर्ष नौ सितम्बर के दिन लोग पहाड़ पर चढ़ते हैं, जू व्यू पहाड़ पर लगाते हैं और शराब पीते हैं। यह रीति रिवाज़ दो हजार वर्षों से भी ज्यादा पुराना है।

चीन में छुंग यांग त्योहार के रीति रिवाज़ का वर्णन करने वाली नौ सितम्बर को शेन तुंग के भाई की याद में नामक एक मशहूर कविता है, जो चीन के थांग राज्यवंश( ईसवी 618 से ईसवी 907 तक) के महान कवि वांग वेई ने लिखी थी। कविता का अर्थ इस तरह है:"मैं अकेला ही बाहर रहता हूं। हर बार त्योहार मनाते समय मुझे अपने परिवारजनों की बड़ी याद आती है। मुझे मालूम है कि मेरे भाई नौ सितम्बर को पहाड़ पर चढ़ेंगे और जू व्यू दवा की जड़ी-बूटी पहाड़ पर लगाऐंगे। लेकिन, मैं अपने भाई के साथ नहीं हूंगा। उस वक्त, दसों वर्षीय वांग वेई अकेला ही राजधानी में रहता था। जब त्योहार आया, उन्होंने देखा कि दूसरे लोग एक साथ मिलकर त्योहार मना रहे हैं, लेकिन, वह अकेला है। इसलिए, उन्होंने यह कविता लिखी और अपनी स्मृति की भावना प्रकट की।

छुंग यांग त्योहार का दूसरा रिवाज़ छुंग यांग काओ नामक मिठाई खाना है। चीनी भाषा में काओ का दूसरा अर्थ उन्नति और समृद्धि है। चीनी लोग पीले चावल और चीनी खुजूरे आदि चीज़ों से छुंग यांग काओ बनाते हैं। मैदानों में रहने वाले लोग पहाड़ पर नहीं चढ़ सकते, तो वे लोग छुंग यांग काओ खाते हैं, जिस का मतलब वे भी ऊंचे स्थल तक जाते हैं।

पुराने समय में छुंग यांग त्योहार को लम्बी आयु के साथ भी जोड़ा जाता था। लोगों का मानना था कि छुंग यांग त्योहार को इसी तरह के रीति रिवाज़ों से लोगों को लम्बी आयु मिलेगी।

चीनी लोग अभी भी पहाड़ों पर चढ़ने और शराब पीने से छुंग यांग त्योहार मनाते हैं। चीन की दुकानों में छुंग यांग काओ नामक खाद्य पदार्थ भी बिकता हैं। इधर के वर्षों में, चीनी लोग नौ सितम्बर को वृद्धों के त्योहार के रुप में भी मनाने लगे हैं, जिस में लोगों द्वारा वृद्धों का सम्मान करने और वृद्धों को लम्बी आयु जीवित रहने की सदिच्छा अभिव्यक्त की जाती है।

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