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लाल भवन सपना

18वीं सदी के मध्य में चीन छिंग राजवंश के स्वर्ण काल से गुजर रहा था । इसी समय में चीन में सामंती समाज के विनाश का भविष्यवाणी करने वाला एक उपन्यास लाल भवन सपना प्रकाश में आया । लाल भवन सपना चीन के प्राचीन साहित्य इतिहास में सब से महान उपन्यास माना जाता है ।

इस महान उपन्यास का लेखक छो श्ये छिन थे। छो श्ये छिन के दादा छिंग राजवंश के मशहूर सम्राट खांग शी के नजदीकी पदाधिकारी थे ,इसलिए छो श्वे छिंग की बालावस्था असाधारण सम्मानित और खुशहाल व संपन्न जीवन में बीती थी ।लेकिन बाद में दरबारी संघर्ष के कारण छो श्वे छिन के दादा को पदच्युत कर दिया गया और उन के खानदानी जायदाद को पूरी तरह जब्त किया गया । इस से छो श्वे छिन के परिवार का जमीन आसमान सा उटल हो गया । घर की हालात इतनी बिगड़ी थी कि युवावस्था में छो श्वे छिन को जीवन में विषम समाज से तरहतरह की कठोरता झेली और निर्मम ठोकर खाया तथा उन्हें अमिट कटु अनुभव प्राप्त हुआ । प्रौढावस्था में छो श्वे छिन पेइचिंग के पश्चिमी उपनगर में रहे और अत्यंत कठोर स्थिति में उन्हों ने अपने जीवन अनूभवों के आधार पर लाल भवन सपना शीषर्क उपन्यास लेखा । इस महान उपन्यास को पूरा करने से पहले छो श्वे छिन का बीमारी के कारण देहांत हो गया । उन के देहांत के बाद को अ ने छो श्वे छिन की लेखन योजना का अनुमान लगाते हुए इस उपन्यास का लेखन पूरा किया।

लाल भवन सपना ने तत्कालीन समाज के विभिन्न तबकों के शख्यों और समाज के विभिन्न पहलुओं का उल्लेख किया , जिन में राजा के रिश्तेदारों व कुलीन पदाधिकारियों से ले कर दासी कृषक और भिक्षु भिक्षुनी तक के पात्र तथा शिल्प , चिकित्सा ,ज्योतिष और शादी ब्याह तक के विषय शामिल हैं , खास कर उपन्यास में युवा नरी पात्रों का जो सजीव और जीता जागता वर्णन किया गया है , वह किसी भी उपन्यास कहानी से अतूल्य है । इस उपन्यास ने समाज की तरह तरह की स्थिति प्रतिबिंबित करते हुए मुख्यतः चा ,श ,वांग और श्वो चार बड़े घरानों के उतार चढाव का वर्णन किया । इन चार नामी घरानों के उत्थान पतन के प्रतीक के रूप में छो श्वे छिन ने सामंती समाज का निश्चय ही अंत होने की भविष्यवाणी की ।

लाल भवन सपना में 700 से ज्यादा पात्र रचे गये ,जिन में से मुख्य पात्र एक सौ से अधिक थे । पात्रों की रचना में लाल भवन सपना ने बड़ी सफलता प्राप्त की । लेखक ने यवा नारी पात्रों के जटिल और सूक्ष्म मनोभाव का गहन और स्टीक रूप से वर्णन किया था और सुन्दर जीवन और प्रेम के प्रति उन की चाह अभिव्यक्त की , जिस से लेखक ने नारी समाज के प्रति गहरी सहानुभति प्रकट की और उन पर सामंती समाज और सामंती घराने के दमन व अत्याचार की आलोचना की ।

उपन्यास की अनुतम भाषा शक्ति व उत्कृष्ट कला शैली तथा पात्रों का सफल सृजन भी चीन के प्राचीन उपन्यासों में अभूतपूर्व पराकाष्ठा पर पहुंची । लाल भवन सपना पैदा होने के बाद इस उपन्यास का अध्ययन एक शास्त्र विशेष भी बन गया ।अब तक लाल भवन सपना का अध्ययन चीन में क्रियाशी रहा है ।

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