चीनी ह्वेई जाति की परंपरागत चिकित्सा पद्धति चीन की परंपरागत चिकिस्ता पद्धति के अरब इस्लामी चिकित्सा पद्धति के संपर्क में आने का परिणाम है । चीन के चिन और यवान राजवंश में ह्वेई जाति की परंपरागत चिकित्सा पद्धति उभरने लगी थी । उसी दौरान ह्वेइ जाति की परंपरागत चिकित्सा पद्धति की उपयोगी दवाओं का महान ग्रंथ ह्वेई ह्वेई दवा ग्रंथ प्रकाशित हुआ , जिसमें अरब और चीनी हान जाति की परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों का एक साथ मिलना दिखाई पड़ता है । ह्वेई ह्वेई दवा ग्रंथ में दर्ज़ की गयी दवाओं की सूची में चीनी परंपरागत दवा जैसे दवा की गोली , चूर्ण औषधि-अवलेह तथा औषधि-पूरक अवयवों का काढ़ा आदि दवाएं शामिल हैं । इन के अलावा अरब दवा जैसे नाक में डालने वाली दवा आदि भी शामिल हैं ।
दीर्घकाल के दौरान ह्वेई जातिकी परंपरागत चिकित्सा पद्धति की अपनी विशेषताएं संपन्न हुई । ह्वेई जाति की परंपरागत चिकित्सा पद्धति के सिद्धांत के अनुसार दवा को खाद्य पदार्थों के साथ खाया जाना चाहिये । ह्वेई जाति के भोजन बनाने की कला में ही यह विशेषता शामिल है । जैसे तिल के तेल को मोटे नमक के साथ मिलाकर बनायी गयी दवा से संकुचन और भोजननलिका आदि के रोग का इलाज करने में अच्छी सफलता मिलती है ।