|
1949 में नए चीन की स्थापना के बाद से चीन का आर्थिक तेजी से विकसित होने लगा। विशेषकर 1978 में आर्थिक सुधार व खुलेपन नीति अपनाने के बाद, राष्ट्रीय अर्थतंत्र वार्षिक 9 प्रतिशत की गति से निरंतर व स्वस्थ रूप से आगे बढ़ता रहा । 2003 में चीन का कुल घरेलु उत्पादन मूल्य 14 खरब अमरीकी डालर तक जा पहुंचा, कुल आर्थिक मात्रा अमरीका, जापान, जर्मनी, ब्रिटेन और फ्रांस के बाद विश्व के 6 स्थान में गिनी जाने लगी। वर्ष 2003 के अन्त तक चीन का प्रति व्यक्ति के हिसाब से औसत कुल घरेलु उत्पादन मूल्य एक हजार अमरीकी डालर की लाइन को पार कर गया है।
वर्तमान चीन का घरेलु निवेश व उपभोक्ता की स्थिति का रूझान बेहतरीन है। 2003 में चीन का पूरे समाज का अचल संपत्ति निवेश
55 खरब य्वेन रहा, पूरे समाज की व्यय फुटकर कुल रकम 46 खरब य्वेन तथा कुल निर्यात रकम 8 खरब 50 अरब य्वेन रही जो फ्रांस और ब्रिटेन के बाद अमरीका, जापान और जर्मनी की बराबरी में विश्व के चौथे स्थान जा पहुंचा है। 2003 के अन्त तक चीन का विदेशी मुद्रा भंडारण 4 खरब अमरीकी डालर रहा जो जापान के बाद विश्व के दूसरे स्थान पर गिना जाता है।
पिछले 20 से अधिक सालों के आर्थिक सुधार व खुलेपन तथा आधुनिकीकरण निर्माण के बाद, चीन ने बुनियादी तौर से योजनाबद्ध आर्थिक व्यवस्था से सामाजिक बाजार अर्थव्यवस्था में हस्तांतरण कर लिया है, सामाजिक बाजार अर्थव्यवस्था प्रगाढ़ होने के साथ दिनोंदिन परिपूर्ण होती जा रही है । इस के साथ साथ , चीन का कानून कायदे भी निरंतर स्वस्थ हो रहे हैं, बाजार के खुलेपन का पैमाना लगातार विस्तृत होता जा रहा है और निवेश पर्यावरण में बराबर सुधार हो रहा है, इस के अतिरिक्त बैंकिग व्यवस्था का सुधार स्थिरता से आगे बढ़ रहा है, इन सभी ने चीन के आर्थिक के निरंतर आगे विकसित होने की पक्की सुनिश्चता प्रदान की है।
नयी शताब्दी में प्रवेश करने के बाद, चीन ने मानव व प्राकृति, मानव व समाज, शहर और गांव, पूर्व और पश्चिम चीन, आर्थिक और समाज का चौतरफा विकास तथा समन्वय विकास की अवधारणा से संबंधित सुझाव पेश किए हैं। 2002 में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की 16 वीं राष्ट्रीय कांग्रेस में वर्ष 2020 से पहले चीन को एक पूर्ण खुशहाली समाज का निर्माण करने का लक्ष्य प्रस्तुत किया है।
|