वन अधिकारियों के अनुसार, एक शिकारी ने जानवर के सिर पर दो गोलियां चलाईं, और एक अन्य गोली पुष्टि करने के लिए चलाई गई।
वन एवं वन्यजीव के प्रधान मुख्य संरक्षक एल. आर. सिंह ने कहा कि हाथी को मारने की अनुमति दुर्भाग्यपूर्ण थी, लेकिन यह अंतिम उपाय था।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, वन अधिकारियों ने 30 मीटर की दूरी से हाथी को शांत करने की कोशिश की, लेकिन जानवर अचानक से उनके पीछे दौड़ने लगा। मजबूरन गोली चलाने के लिए आदेश देना पड़ा।
एल. आर. सिंह ने कहा 20-25 वर्ष के इस हाथी ने मार्च से पूर्वी भारत के झारखंड राज्य में 11 लोगों की जान ले चुका है, और बिहार में 4 लोगों को मार चुका है।
बता दें कि हाथी को शनिवार को दफनाया गया था, जिस दिन विश्व हाथी दिवस भी