गत शताब्दी में 80 के दशक से लेकर अब तक मानव जाति की गतिविधियां बढ़ने के बावजूद भी छिंगहाई तिब्बत पठार में पारिस्थितिकी पर्यावरण और जीव जंतुओं की विविधता का बेहतर संरक्षण और सुधार किया गया है, जिससे जीव संसाधन के अनवरत प्रयोग और प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र के स्वस्थ चक्र की गारंटी हुई है। वर्तमान में छिंगहाई तिब्बत पठार अनेकानेक दुर्लभ जंगली जानवरों का स्वर्ग बन गया है। प्राकृतिक संरक्षण केंद्र महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी सुरक्षा की गारंटी भी बन गया है।
(श्याओ थांग)