भारत ने कहा कि इराक के मोसुल शहर में इस्लामिक स्टेट (आईएस) आतंकी संगठन द्वारा अगवा किये 39 भारतीयों की मौत के बारे में कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं। इन भारतीय नागरिकों का 2014 में आतंकियों ने अपहरण कर लिया था।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि इराक में लापता भारतीयों को मरा हुआ मानना पाप होगा। न तो उनके शव मिले हैं, न उनके नाम मृतकों की सूची में शामिल हैं और न ही आईएस का उनके बारे में कोई वीडियो मिला है।
विदेश मंत्री ने लापता लोगों के मुद्दे पर सदन को गुमराह करने के आरोप का जवाब देते हुए कहा कि बिना सबूत के किसी को मृत मानना पाप है और वह यह पाप नहीं कर सकतीं हैं। सरकार मोसुल में लापता लोगों की तलाश तब तक जारी रखेगी जब तक उनके मृत होने का सबूत नहीं मिलाता है। A
जय प्रकाश