एशिया व प्रशांत क्षेत्र सबसे पहले जलवायु परिवर्तन के कुप्रभाव से ग्रस्त होंगे
  2017-07-15 18:57:00  cri

एशियाई विकास बैंक व जर्मनी के पॉट्सडैम जलवायु का प्रभाव अनुसंधान प्रतिष्ठान ने 14 जुलाई को फिलिपींस की राजधानी मनीला में संयुक्त रूप से रिपोर्ट जारी कर कहा कि अगर विभिन्न देश जलवायु परिवर्तन मामले पर ध्यान नहीं देते हैं, तो इस शताब्दी के अंत तक एशिया महाद्वीप में तापमान 6 डिग्री सेल्सीयस बढ़ जाएगा, जो एशिया व प्रशांत क्षेत्र में मानव जीवन पर गंभीर बुरा असर पडेगा।

"खतरे में क्षेत्र : एशिया व प्रशांत में जलवायु परिवर्तन" नामक इस रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान स्थिति को देखते हुए अनुमान लगाया जा सकता है कि एशिया व प्रशांत क्षेत्र में कुछ देशों व क्षेत्रों को इस शताब्दी के अंत तक अति गर्म मौसम से ग्रस्त होना पड़ सकता है। उदाहरण के लिये तजाकिस्तान, अफ़गानिस्तान, पाकिस्तान व पश्चिमोत्तर चीन आदि का तापमान 8 डिग्री सेल्सीयस तक बढ़ जाएगा।

साथ ही इस शताब्दी के अंत में एशिया व प्रशांत के अधिकतर क्षेत्र आंधी व उष्णकटिबंधीय चक्रवात के शिकार बनेंगे। पाकिस्तान व अफ़गानिस्तान में वर्षा 20 से 50 प्रतिशत तक कम होगी। विश्व दायरे में 25 समुद्र तटीय शहरों में समुद्र तल एक मीटर बढ़ होगा। उनमें 19 शहर एशिया व प्रशांत क्षेत्र में स्थित हैं। वर्ष 2100 तक इंडोनेशिया में लगभग हर साल 59 लाख लोग बाढ़ से ग्रस्त होंगे।

चंद्रिमा