चीनी विदेश मंत्री वांग ई और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने संयुक्त रूप से कोरिया प्रायद्वीप के मुद्दे पर एक संयुक्त वक्तव्य पर हस्ताक्षर किए।
वक्तव्य में कहा गया कि उत्तर कोरिया ने 4 जुलाई को घोषणा की कि उसने बेलास्टिक मिसाइल का प्रक्षेपण किया। चीन व रूस ने यह सहमति प्राप्त की कि उत्तर कोरिया की कार्रवाई ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संबंधित प्रस्ताव का उल्लंघन किया है। दोनों पक्ष इसे खारिज करते हैं। दोनों ने उत्तर कोरिया से सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का कड़ाई से पालन करने का आग्रह किया।
वक्तव्य में यह भी कहा गया कि चीन व रूस कोरिया प्रायद्वीप और आसपास की स्थिति के विकास पर बड़ा ध्यान देते हैं। दोनों पक्ष गतिरोध को तेज़ बनाने वाली किसी भी कार्रवाई का विरोध करते हैं और संबंधित देशों से संयम रखकर चुनौती देने वाली कार्यवाइयां करने और युद्धरत दलील कहने से बचने की अपील की।
चीन व रूस ने सुझाव पेश किया कि अगर उत्तर कोरिया स्वेच्छा से परमाणु परीक्षण व बेलास्टिक प्रक्षेपण स्थगित करने की घोषणा करता है, तो अमेरिका व दक्षिण कोरिया को बड़े पैमाने वाले सैन्याभ्यास को भी स्थगित करना चाहिए।
चीन व रूस ने विभिन्न पक्षों से 19 सितम्बर वक्तव्य के वचनों का पालन कर प्रायद्वीप समस्या का हल करने की वार्ता प्रक्रिया को पुनः शुरू करने की अपील की। सैन्य हथकंडे को कोरियाई प्रायद्वीप समस्या का हल करने का विकल्प नहीं बनाना चाहिए।
साथ ही दोनों ने दोहराया कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में थाड सिस्टम की तैनाती से गंभीर रूप से चीन व रूस सहित इस क्षेत्र के देशों की सामरिक सुरक्षा हितों को नुकसान पहुंचाया है। जो कोरिया प्रायद्वीप और इस क्षेत्र की शांति व स्थिरता के लिए मददगार नहीं होगा।
(श्याओयांग)