ली खछ्यांग और सोनिया गांधी की मुलाक़ात
  2013-05-21 08:36:07  cri

चीनी प्रधानमंत्री ली खछ्यांग ने 20 मई को नई दिल्ली में भारतीय कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी से मुलाकात की।

ली खछ्यांग ने सोनिया गांधी को चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग का संदेश पहुंचाते हुए कहा कि चीन और भारत की पुरानी पीढ़ी के राजनीतिज्ञों के समर्थन में दोनों देशों के संबंध व्यापक विकास के रास्ते पर बढ़ रहे हैं। दोनों देश आपसी लाभ वाले मैत्रीपूर्ण सहयोग का विकास कर रहे हैं, जिससे दोनों देश व उनकी जनता को ठोस लाभ मिला है और क्षेत्रीय यहां तक कि पूरी दुनिया की शांति और समृद्धि को बढ़ावा मिला है। ली खछ्यांग ने कहा कि 20 मई की सुबह उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ वार्ता की। द्विपक्षीय संबंध बढ़ाने में दोनों पक्षों ने व्यापक सहमतियां हासिल की और सिलसिलेवार सहयोग दस्तावेजों पर भी हस्ताक्षर किए। विश्वास है कि इससे चीन-भारत रणनीतिक साझेदारी का विकास बढ़ेगा और दुनिया को चीन व भारत के सहयोग करने और समान विकास करने का सक्रिय संकेत दिया जाएगा।

ली खछ्यांग ने कहा कि गत् 50 के दशक में कांग्रेस के नेतृत्व वाली भारत सरकार ने नए चीन के साथ राजनयिक संबंधों की स्थापना की, जिससे दोनों देशों के संबंधों का नया आधाय जुड़ा। चीन और भारत ने समान रूप से शांतिपूर्ण सहअस्तितव के पांच सिद्धांत प्रस्तुत किए, जो पिछले 60 सालों से देशों के बीच मैत्रीपूर्ण आदान-प्रदान करने के अहम मार्गदर्शी सिद्धांत बने। चीन मैत्रीपूर्ण नीति हमेशा से कायम रहने पर भारत की प्रशंसा करता है और भारतीय कांग्रेस के साथ आदान-प्रदान व सहयोग मजबूत करने को तैयार है, ताकि चीन-भारत संबंधों के विकास में जीवन शक्ति संचार हो सके।

सोनिया गांधी ने ली खछ्यांग से राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग को आभार और संवेदना पहुंचाने को कहा और कांग्रेस पार्टी की ओर से ली खछ्यांग के प्रति पहली विदेश यात्रा का पहला पड़ाव भारत को चुनने के लिए आभार प्रकट किया। सोनिया गांधी ने इस यात्रा के भारत-चीन संबंधों पर बड़े महत्व की प्रशंसा की और यात्रा सफल होने की शुभकामनाएं दीं। सोनिया ने कहा कि कि भारत और चीन दोनों प्राचीन संभ्याता वाले देश हैं। दोनों का समान विकास और समृद्धि दुनिया को और संतुलित बनाएगा। भारतीय कांग्रेस चीन के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध मजबूत करने, विशेषकर युवाओं समेत सभी नागरिकों के बीच आवाजाही बढ़ाने को तैयार है, ताकि दोनों देशों के बीच मैत्री का सामाजिक आधार मजबूत बन सके।

(ललिता)