नाभिकिय आपूर्ति देश ग्रुप के सदस्य देशों ने 6 तारीख को विएना में आयोजित सम्मेलन में भारत के खिलाफ़ लागू नाभिकीय तकनीक और कच्चे माल संबंधी प्रतिबंध हटाने पर सहमति प्राप्त की।
भारतीय विदेश मंत्री श्री मुखर्जी ने सम्मेलन आयोजित होने के पहले जारी एक वक्तव्य में कहा कि भारत वर्ष 1998 नाभिकीय परीक्षण के बाद अपने द्वारा अपनाये गये रुख यानी स्वेच्छे और एक तरफा तौर पर नाभिकीय परीक्षण रोकने के रूख का पालन करेगा।
चीनी प्रतिनिधि मंडल के नेता श्री चेन चिन्गये ने सम्मेलन में कहा कि चीन को आशा है कि भारत के खिलाफ़ नाभिकीय प्रतिबंध को हटाना परमाणु अप्रसार और शांतिपू्र्ण ढंग से परमाणु ऊर्जा का प्रयोग करने के लिए लाभदायक होगा और चीन की आशा है कि नाभिकीय आपूर्ति देश ग्रुप परमाणु अप्रसार की पूर्वशर्त में समानता के आधार पर विभिन्न देशों के शांतिपू्र्ण ढंग से परमाणु ऊर्जा का प्रयोग करने की इच्छा व मांग मान सकेगा। उन्होंने और कहा कि चीन अपने अंतरराष्ट्रीय कर्तव्य के अनुसार,संबंधित विभिन्न पक्षों के साथ शांतिपू्र्ण ढंग से परमाणु ऊर्जा का प्रयोग करने में सहयोग करना जारी रखेगा।
अन्य रिपोर्ट के अनुसार,अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा कमेटी के प्रवक्ता श्री जोन्ड्रो ने उसी दिन ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति श्री बुश और भारतीय प्रधान मंत्री श्री सिंह ने नाभिकीय आपूर्ति देश ग्रुप द्वारा उठाए गए उक्त कदम का स्वागत किया। भारतीय सत्तारूढ़ गठबंधन ने इस परिणाम के प्रति संतोष प्रकट किया। लेकिन भारतीय वामदल और भारतीय जनता पार्टी आदि विरोधी पार्टियों ने माना कि इस से भारत का नाभिकीय सवाल पर स्वतंत्र स्थान खो गया है। (होवेइ)
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