| |
| |
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नव निर्वाचित नेतृत्वकारी समूह के सदस्यों का परिचय चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की सत्रहवीं केंद्रीय समिति का प्रथम पूर्णाधिवेशन बाइस तारीख के सुबह पेइचिंग में आयोजित हुआ । सम्मेलन में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय कमेटी के नए नेतागण चुने गए । श्री हू चिनथाओ, श्री वू पांगक्वो, श्री वन च्यापाओ, श्री च्या छिंगलिन, श्री ली छांगछुन, श्री शी चिनफिंग, श्री ली खहछ्यांग, श्री हो क्वोछ्यांग और श्री चो योंगखांग चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के केंद्रीय कमेटी के पोलित ब्यूरो की स्थाई समिति के सदस्य बन गए । नीचे इन का अलग अलग तौर पर परिचय किया जाता तै ।
| समुद्रपार व्यक्तियों ने 17 वीं कांग्रेस का उच्च मूल्यांकन किया इन दिनों ,पेइचिंग में चल रही चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 17 वीं राष्ट्रीय कांग्रेस समुद्रपार लोगों का ध्यानाकर्षण केन्द्र बन गया है । कोरिया गणराज्य , भारत , पौलैंड , फ्रांस और अमरीका स्थित सी .आर .आई संवाददाताओं ने अलग अलग तौर पर इन देशों के विद्वानों , अर्थशास्त्रियों , मीडिया नेताओं और जाने माने व्यक्तियों से इंटरव्यू लिया , उन्हों ने यह आम राय व्यक्त की है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 17 वीं राष्ट्रीय कांग्रेस चीन की वर्तमान स्थिति और भविष्य से जुड़ी हुई है, साथ ही उस का विश्व पर भी भारी प्रभाव पड़ेगा ।
| पेइचिंग ओलिंपिक की तैयारी के सभी प्रमुख काम पूरा पेइचिंग शहर के उप मेयर , पेइचिंग ओलिंपिक आयोजन कमेटी के उप कार्यकारी अध्यक्ष श्री ल्यू च्येनमिन ने 19 तारीख को पेइचिंग में आयोजित न्यूज ब्रिफींग में कहा कि पेइचिंग ओलिंपिक की तैयारी के विभिन्न चरणों के मुख्य काम योजना के मुताबिक पूरे किए जा चुके हैं । इस ने 2008 पेइचिंग ओलिंपियाड के सफल आयोजन के लिए पुख्ता आधार तैयार हो गया ।
| सामंजस्यपूर्ण समाज का मुद्दा 17वीं कांग्रेस के प्रतिनिधियों की जुबान पर वर्ष 2004 में हुई चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की एक अहम मीटिंग में समाजवादी सामंजस्यपूर्ण समाज के निर्माण के बारे में संपूर्ण अवधारणा पेश की गयी , इस के बाद पिछले तीन सालों में सामंजस्यपूर्ण समाज का निर्माण चीन की विभिन्न स्तरों की सरकारों का मुख्य काम बना रहा । यह काम न केवल व्यापक जन समुदाय की समान अभिलाषा है , साथ ही चीन के दीर्घकालीन विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए अहम गारंटी है ।
| पेइचिंग स्थित भारतीय प्रेस टाइम्स आफ इंडिया के संवाददाता श्री सैबर दास गुप्ता के साथ साक्षात्कार इधर के दिनों में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 17वीं कांग्रेस पेइचिंग में आयोजित हो रही है। पेइचिंग स्थित भारतीय प्रेस टाइम्स आफ इंडिया के संवाददाता श्री सैबर दास गुप्ता ने टेलिफोन पर हमारे संवाददाता के साथ अपनी रिपोर्टींग कार्य की जानकारी दी। सुनिये, उन के साथ हुई यह बातचीत।
| |
| |
| |
चीन की अल्पसंख्यक जाति---ल्वोबा जाति पूर्वी तिब्बत के लिनजी प्रिफेक्चर में चीन की अनेक अति अल्पसंख्यक जातियां रहती हैं। ल्वोबा जाति उन में से एक है। वे लोग मुख्यतः लिनजी के छायू और ल्वो यू क्षेत्र में रहते हैं। वह चीन की सब से कम आबादी वाली जाति मानी जाती है, जिस की कुल आबादी केवल दो हजार से ज्यादा है। क्या आप ल्वोबा जाति के बारे में जानना चाहते हैं। हाल ही में हमारी संवाददाता को तिब्बत यात्रा के दौरान ल्वो बा जाति के लोगों से मिलने का मौका मिला।
| तिबब्ती चिकित्सा संस्कृति का जन्मस्थान----मीलिन काऊंटी चीन के तिब्बत स्वायत प्रदेश के दक्षिण पूर्वी में एक लिनजी प्रिफेक्चर है, जो यालुजांबू नदी के मध्य व निचले भाग में स्थित है। इस में एक मीलिन नामक काऊंटी है। वह न सिर्फ तिब्बती, हान, ल्वोबा, ई, छांग आदि नौ अल्पसंख्यक जातियों के एक साथ रहने के कारण मशहूर है, बल्कि तिब्बती चिकित्सा संस्कृति का जन्मस्थान भी मानी जाती है। आज के इस कार्यक्रम में आप आएं, मेरे साथ मीलिन काऊंटी का दौरा करें।
| तिब्बत में सीमांत व्यापार का बड़ा विकास चीन का तिब्बत स्वायत प्रदेश भारत, नेपाल, भूटान आदि अनेक देशों से जुडता है। पुराने समय में भी तिब्बत स्वायत प्रदेश और उक्त देशों के बीच सीमांत व्यापार होता था । 18वीं शताब्दी के मध्य काल से पहले, तिब्बत में सीमांत व्यापार का मुख्य साझेदार भारत था, जबकि 20वीं शताब्दी के 60 के दशक के बाद सीमांत व्यापार जांमू पोर्ट तक स्थानांतरित किया गया। तिब्बत व नेपाल के बीच व्यापार भी तिब्बत के सीमांत व्यापार की कुल रक्म का 90 प्रतिशत तक पहुंचा है।तिब्बत में सीमांत व्यापार अभी भी तिब्बत के विदेशी व्यापार का एक बहुत महत्वपूर्ण भाग बना हुआ है।
| तिब्बत के शिकाचे प्रिफेक्चर के किसान फूदेन का सुखमय जीवन पश्चिमी तिब्बत के शिकाचे प्रिफेक्चर से लगभग 12 किलोमीटर दूर जाछ्वोशोंग नामक एक जिला है। वह तिब्बत स्यावत प्रदेश का एक बड़ा जिला है, जिस की आबादी 12000 से ज्यादा है और प्रति व्यक्ति औसत वार्षिक आमदनी लगभग चार हजार चीनी य्वान है। वह सारे तिब्बत में सब से बड़ा कृषि जिला है, जिस का वार्षिक अनाज-उत्पादन 15 लाख किलोग्राम है। दीना गांव जाछ्वोशोंग जिले का सब से समृद्ध गांव है। जब हम दीना गांव पहुंचे, तो हम ने लाल व नीली छतों वाले तिब्बती शैली वाले मकानों को देखा।
| पर्यावरण संरक्षण के रक्षक------जंगली ऊंट साइकिल क्लब हाल ही में मैं ने सी आर आई के एक दल के साथ चीन के तिब्बत स्वायत प्रदेश का दौरा किया। जब हमारी गाड़ी तिब्बत के लिनजी से ल्हासा जा रही थी, तो हमारी मुलाकात कुछ विद्यार्थियों से हुई। वे लोग चीन के शानशी प्रांत से साइकिल चलाकर तिब्बत आ रहे थे, जिस का मकसद रास्ते में पर्यावरण संरक्षण का प्रसार-प्रचार करना है।
| |
|